NATURAL HEALTH TREE
सभी ने अनुभव किया होगा कि इस विश्व में मनुष्य तो क्या, तुच्छ से तुच्छ जीव भी सदा रोग, वियोग, नुकसान, अपमान व अज्ञान से होने वाले दुखों से बचने की कोशिश करता है और सुख प्राप्ति के लिए सदा प्रयत्नशील रहता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए हम कह सकते हैं कि जब से सृष्टि की रचना हुई है, तभी से मनुष्य भूख, प्यास, नींद आदि स्वाभाविक इच्छाओं को पूरा करने एवं शारीरिक व्याधियों से छुटकारा पाने के लिए प्रयत्नशील रहा है।
इसी क्रम में सबसे पहले आयुर्वेद का उद्भव हुआ। आजकल हम ऐलोपैथी (आधुनिक चिकित्सा-पद्धति), होम्योपैथी, नैचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा), रेकी, आदि अनेक प्रकार की चिकित्सा-पद्धतियों का प्रयोग करते हैं, परन्तु आयुर्वेदिक पद्धति सहस्रों वर्ष़ों से हमारे जीवन में रची बसी हुई है।